सावधान ! अंतिम तिथि !! एन.पी.एस. से ओ.पी.एस. NPS TO OPS
सरकारी नौकरी की ख्वाहिश सभी की होती है। हर माह निश्चित तिथि को वेतन मिलना अच्छा लगता है। सोने पर सुहागा ये कि रिटायरमेंट के बाद भी आधी सैलरी पेंशन के रूप में मिलती है जिससे बूढ़ापे में जीवन – यापन आसान हो जाता है। दिनांक 1.01.2004 से नई पेंशन स्किम लागू होने पर नौकरी पेशा लोगों में निराशा रही है।आइये देखते हैं कि नई पेंशन स्कीम पुरानी पेंशन योजना से किस तरह भिन्न है और कौन से कर्मचारी अभी भी NPS TO OPS पात्र हैं हैं.
पुरानी पेंशन योजना
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के अनुसार दिया जाता है। इस नियम के अनुसर रिटायरमेंट के बाद लास्ट बेसिक पे के आधे के बराबर पेंशन और उस पर महंगाई राहत का भुगतान सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किया जाता है। कर्मचारी के मौत के बाद उसके पति/पत्नी को भी कर्मचारी के पेंशन के आधे के बराबर फैमिली पेंशन दिया जाता है। इतना ही नहीं,
तलाकशुदा/विधवा बेटी को भी पेंशन देय है।
तलाकशुदा/विधवा बेटी को भी पेंशन देय है।
न्यू पेंशन स्कीम
दिनांक 22.12.2003 को पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त करते हुए नई पेंशन योजना (एनपीएस) की घोषणा की गई और दिनांक 01.01.2004 से इसे लागू कर दिया गया। इसके आधार दिनांक 01.01.2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों को उनके वेतन और महंगाई भत्ते के योग के 10% के बराबर एनपीएस खाते में अंशदान लिया जाता है और इतनी ही राशि सरकार भी एनपीएस में
योगदान करती है।
योगदान करती है।
एनपीएस खाते में जमा राशि से पेंशन
प्रत्येक माह कर्मचारी और सरकारी अंशदान की राशि एनपीएस खाते में जमा होते रहती है। सेवा काल पूर्ण होने पर रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का कम से कम 40 % एन्युटी खरीदने में लगाना होता है जिससे हुई इनकम से कर्मचारी को पेंशन दिया जाता है। शेष 60 % राशि का भुगतान कर्मचारी को कर दिया जाता है।
न्यू पेंशन स्कीम में आने वाले कर्मचारी पुराने पेंशन में आने के लिए अभी भी संघर्षरत हैं। कुछ राज्यों में न्यू पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू भी कर दी गई है। लेकिन सेंट्रल गवर्नमेंट में अभी भी नई पेंशन स्कीम ही लागू है।
NPS TO OPS के विवादित मामले और उनका समाधान
कुछ मामले ऐसे हैं कि एम्प्लाइज का सेलेक्शन दिनांक 01.01.2004 के पहले हो गया था लेकिन किसी कारण से उनकी जॉइनिंग 01.01. 2004 के बाद होने के कारण उनको नई पेंशन स्कीम में ही रखा गया। इस तरह के विवाद में उलझे कर्मचारी बहुत परेशान हैं. हालांकि इस पर चल रहे विवादों को खत्म करने के लिए समय – समय पर क्लैरिफिकेशन आता रहा है। लेकिन इस संबंध में सरकार ने अपने 3 मार्च 2023 के पत्र के द्वारा इस प्रकार के विवादों का अंत कर दिया है। इसके अनुसार वो सभी कर्मचारी ओपीएस के पात्र हैं जिनके नौकरी का नोटिफिकेशन दिनांक 22.12.2003 के पहले का है, भले ही उनकी नियुक्ति 01.01.2004 के बाद हुई हो.
- जो कर्मचारी 01.01.2004 के बाद नौकरी ज्वाइन किए हैं लेकिन उस नौकरी का नोटिफिकेशन/ विज्ञापन एन.पी.एस लागू करने की अधिसूचना (दिनांक 22.12.2003) के पहले का है तो वो एन.पी.एस से ओ.पी.एस. में जा सकते हैं।
- इस तरह के मामले में कर्मचारी दिनांक 31.08.2023 तक एन.पी.एस. से ओ.पी.एस. में जाने का का ऑप्शन दे सकते हैं।
- पात्र कर्मचारी यदि दिनांक 31.08.2023 तक ओ.पी.एस. का चयन नहीं करते हैं तो वो एन.पी.एस. में ही हमेशा के लिए रह जाएंगे।
- दिनांक 31.08.2023 के बाद कोई विकल्प स्वीकार नहीं होगा।
- एक बार दिया गया ऑप्शन अंतिम होगा।
- आवेदन पत्र मिलने पर नियुक्ति प्राधिकारी मामले में निर्णय लेंगे।
- ओ.पी.एस.में आने वाले कर्मचारियों को जीपीएफ का सब्सक्रिप्शन लेना होगा।
- कर्मचारियों के एनपीएस जाते में जमा उनके अंशदान राशि को उनके जीपीएफ अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा।
- इस प्रकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते को 31.12.2023 तक बंद कर दिया जाएगा।
(CPGRAMS के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें )
सभी पात्र एम्प्लाइज को चाहिए इस सुनहरे अवसर का लाभ उठायें और एन.पी.एस. से ओ.पी.एस. NPS TO OPS में जाने का अपना आवेदन 31.08.2023 तक अनिवार्य रूप से जमा करा दें।
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