DFCCIL- DEDICATED FREIGHT CORRIDOR एक झलक
डीएफसीसीआईएल DFCCIL का पूरा नाम डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DEDICATED FREIGHT CORRIDOR CORPORATION OF INDIA LIMITED)है . भारत सरकार की यह एक बहुत बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. DFCCIL भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अधीन एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग है. वर्ष 2006 में इसका गठन डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के प्लानिंग, निर्माण, डेवलपमेंट, रिसोर्सेज, मेंटेनेंस और ऑपरेशन के लिए किया गया. इसके लगभग सभी अधिकारी, कर्मचारी दूसरे सरकारी विभागों से डेपुटेशन पर लिए जाते हैं जो अपने कार्य क्षेत्र का अच्छा अनुभव रखते हैं.
DFCCIL का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके फील्ड यूनिट्स अंबाला, आगरा, इलाहाबाद, मुगलसराय (DDU), मेरठ, कोलकाता, बड़ौदा, अहमदाबाद, अजमेर, जयपुर, मुंबई और नोएडा में हैं.
DFCCIL- DEDICATED FREIGHT CORRIDOR की आवश्यकता के कारण
मौजूदा रेलवे लाइनों पर रेल यातायात का भार बहुत अधिक होने के कारण अधिकांश गाड़ियां लेट हो जाती हैं और निश्चित समय पर अपने गंतव्य पर नहीं पहुंच पाती. इसी समस्या को दूर करने के लिए यह तय किया गया की माल वाहन गाड़ियों के लिए अलग से रेलवे लाइन बिछाए जाए. इस कार्य को पूरा करने के लिए सरकार ने डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का गठन किया. सबसे पहले देश के चार महानगरों दिल्ली कोलकाता चेन्नई और मुंबई को आपस में जोड़ने वाले रेलवे लाइनों को बिछाने का काम शुरू करने का लक्ष्य रखा गया.
गोल्डन क्वॉड्रिलैटरल फ्रेट कॉरिडोर GQFC
पूरे देश में माल गाड़ियों के आवागमन को आसान करने, उनकी गति में तेजी लाने और ऑपरेटिंग कॉस्ट को कम करके माल यातायात की तेज एवं अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को तेज गति के माल वाहक रेल ट्रैक्स से जोड़ना तय किया गया. इन चारों महानगरों को जोड़ने वाले रेल मार्गों को गोल्डन क्वॉड्रिलैटरल फ्रेट कॉरिडोर कहा गया .
इस स्वर्णिम चतुर्भुज फ्रेट मार्ग के डायगोनल महानगरों दिल्ली को चेन्नई से और मुंबई को कोलकाता से भी जोड़ना इसमें शामिल किया गया.
DFCCIL- पर चल रहे प्रोजेक्ट
DFC | Length Km | From | To | |
1 | WESTERN DFC | 1504 | DADARI- UP | Jawahar Lal Nehru |
2 | EASTERN DFC | 1839 | Ludhiana- Punjab | Dankuni-WB |
3 | EAST-WEST DFC | 2000 | Kharagpur | Bhusawal |
4 | NORTH-SOUTH DFC | 975 | Vijayawada | Itarasi |
5 | EAST-COAST DFC | 1115 | Kharagpur | Vijayawada |
6 | SOUTHERN DFC | 892 | Madgaon | Chennai |
8325 Km |
पहले और दूसरे नंबर के प्रोजेक्ट पर निर्माण काम चल रहा है. तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर के प्रोजेक्ट बजट 2021-22 में फंडिंग किया गया है। छठे नंबर का प्रोजेक्ट अभी प्रोपोज़ड है।
DFCCIL- का टारगेट
डीएफसीसीआईएल वर्तमान रेलवे लाइनों से अलग तेज गति के मालवाहक रेलगाड़ियों के चलाने के लिए अलग से रेलवे ट्रैक तैयार कर रहा है. भारतीय रेलवे का लक्ष्य अगले 10 सालों में 10000 किलोमीटर तेज गति के रेलवे ट्रैक तैयार करना है.
DFCCIL- के हाई स्पीड रेल कॉरिडोरकी विशेषताएं-
- डीएफसी के हाई स्पीड रेलवे लाइनों पर कोई लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी.
- माल गाड़ियां एक सौ किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक के रफ्तार पर चल सकेंगी.
- फ्रेट ट्रेन की लंबाई 1.5 किलोमीटर चौड़ाई 3.676 मीटर और ऊंचाई 7.1 मीटर होगी. विश्व के किसी भी रेलवे में इस साइज की कोई फ्रेट ट्रेन अभी तक नहीं है.
- सिर्फ इलेक्ट्रिक इंजन ही प्रयोग किए जाएंगे. कुल 800 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के चलाने का लक्ष्य है.
- सभी फ्रेट कॉरिडोर 1676 mm ट्रैक गेज के होंगे (5ft 6inch).
- सभी गाड़ियों की ट्रैकिंग रेडियो कम्युनिकेशन और जीएसएम टेक्नोलॉजी के द्वारा की जाएगी.
- भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर सेमी हाई स्पीड और हाई स्पीड पैसेंजर ट्रेन चलाए जाएंगे और सभी माल गाड़ियां डीएफसी के रेल लाइनों पर चलेंगी.
- कम समय और कम लागत में माल ढुलाई डी एफ सी का मुख्य लक्ष्य है.