रेल कर्मचारियों को चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस एंड हॉस्टल सब्सिडी
Children Education Allowance to Rail Employees के बारे में हर रेल कर्मी को पता होना चाहिए जिससे वे इसका पूरा लाभ उठा सकें. भारतीय रेलवे कर्मचारियों के लिए बच्चों की शिक्षा भत्ता (CEA) और होस्टल सब्सिडी (Hostel Subsidy) एक महत्वपूर्ण लाभ है, जो कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और उनकी आवासीय सुविधाओं के खर्चों को कवर करने के लिए प्रदान किया जाता है। सरकार समय-समय पर इन भत्तों के नियमों में बदलाव करती रहती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों और महंगाई के अनुरूप हों। हाल ही में, 50% महंगाई भत्ते (DA) के प्रभाव के साथ, रेलवे कर्मचारियों के लिए बच्चों की शिक्षा भत्ता और होस्टल सब्सिडी में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
बच्चों की शिक्षा भत्ता (CEA) क्या है?
बच्चों की शिक्षा भत्ता एक वित्तीय सहायता है, जो रेलवे कर्मचारियों को उनके बच्चों की शिक्षा के लिए प्रदान की जाती है। यह भत्ता 12वीं कक्षा तक पढ़ाई के लिए दिया जाता है। यह भत्ता बच्चों की ट्यूशन फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षिक सामग्रियों के खर्चों को कवर करता है।
CEA का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रेलवे कर्मचारियों के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें, भले ही उनके माता-पिता की वित्तीय स्थिति कैसी भी हो। यह भत्ता विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए सहायक होता है जिनकी आय सीमित होती है और जिन्हें अपने बच्चों की शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
होस्टल सब्सिडी क्या है?
होस्टल सब्सिडी एक अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता है जो रेलवे कर्मचारियों को प्रदान की जाती है। यह उन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होती है जिनके बच्चे पढ़ाई के लिए घर से दूर होस्टल में रह रहे होते हैं। होस्टल सब्सिडी का उद्देश्य उन खर्चों को कवर करना है जो होस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए होते हैं, जैसे कि होस्टल की फीस, खाने-पीने का खर्च, और अन्य आवासीय खर्चे। यह सब्सिडी कर्मचारियों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बनती है, विशेषकर तब जब बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए दूसरे शहर या राज्य में रहकर पढ़ाई करनी पड़ती है।
50% डीए का प्रभाव
हाल ही में, सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) में 50% की वृद्धि की है, जिसका सीधा प्रभाव रेलवे कर्मचारियों के CEA और होस्टल सब्सिडी पर पड़ा है। इस वृद्धि के साथ, CEA और होस्टल सब्सिडी की दरों में भी संशोधन किया गया है, जिससे कर्मचारियों को अधिक वित्तीय सहायता मिल सके।
- CEA की संशोधित दरें: पहले, बच्चों की शिक्षा भत्ता प्रति बच्चे प्रति माह ₹2250 था। लेकिन 50% डीए हो जाने के बाद इसमें 25% की वृद्धि के बाद, इसे 2250 रु से बढ़ा कर बढ़ाकर प्रति बच्चे प्रति माह ₹ 2812.50 कर दिया गया है। यह वृद्धि विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो अपने बच्चों की शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे थे।
- होस्टल सब्सिडी की संशोधित दरें: पहले, होस्टल सब्सिडी की दर ₹6750 प्रति बच्चे प्रति वर्ष थी। लेकिन 50% डीए हो जाने के बाद इसमें 25% की वृद्धि के बाद, इसे रु 6750 से बढ़ा कर बढ़ाकर प्रति बच्चे प्रति माह ₹ 8437.50 कर दिया गया है। । इस वृद्धि से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जिनके बच्चे होस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
- ये बढ़ा हुआ रेट 1 जनवरी 2024 से लागू होगा.
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चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस एंड हॉस्टल सब्सिडी लेने की प्रक्रिया
इसके लिए स्कूल प्रिंसिपल के हस्ताक्षर से जारी बोनाफाइड सर्टिफिकेट रेलवे कार्यालय में जमा करना होता है। ये भत्ता क्लेम करने के लिए रेलवे द्वारा जारी फॉर्म जमा किया जाता है जिसमे रेल कर्मचारी, स्कूल और स्टूडेंट का डिटेल भरना होता है। पहले स्कूल फीस की रसीद जमा करनी पड़ती थी लेकिन अब स्कूल द्वारा जारी बोनाफाइड सर्टिफिकेट ही काफी है। बोनाफाइड सर्टिफिकेट के आभाव में सेल्फ अटेस्टेड रिपोर्ट कार्ड या फीस की रसीद भी दिया जा सकता है।
CEA & HOSTEL SUBSIDY -पात्रता की शर्तें
- ये भत्ता रेल कर्मचारी के सिर्फ़् पहली दो संतानों के लिये ही देय है।
- स्कूल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो।
- यदि बच्चा किसी क्लास में फेल हो जाता है तो उसका भत्ता रोका नहीं जायेगा।
- यदि हॉस्टल सब्सिडी क्लेम कर रहे हैं तो हॉस्टल और रेल कर्मचारी के आवास के बीच की दूरी कम से कम 50 km हो।
- हॉस्टल के प्रधान द्वारा जारी सर्टिफिकेट जिसमें लॉजिंग फुडिंग पर खर्च दिखाया गया हो। अगर यह सर्टिफिकेट न हो तो सेल्फ अटेस्टेड रिपोर्ट कार्ड और फीस की रशीद जिसमें हॉस्टल खर्च दिखाया गया हो दिया जा सकता है।
- यदि पति – पत्नी दोनों सरकारी नौकरी में हो तो दोनों में से कोई एक ही ये भत्ता क्लेम कर सकता है।
- सरकारी कर्मचारी की सेवा काल में मृत्यु होने की दशा में, अगर कर्मचारी की पति / पत्नी नौकरी में नहीं है, तब भी चिल्ड्रेन एडुकेशन अलाउंस और हॉस्टल सब्सिडी उस सत्र में मिलेगा जैसा कि कर्मचारी के जीवित रहने पर मिलता।
- कोई मिनिमम ऐज लिमिट नहीं है। मैक्सिमम ऐज लिमिट 20 साल है। दिव्यांग के मामले में 22 साल है।
- रिटायरमेंट, रिमूवल, डिस्मिसल आदि मामलों में उस वर्ष के शैक्षिक सत्र का भत्ता मिलेगा।
- पत्राचार या दूरस्थ शिक्षा के लिए भी चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस देय है।
- मास्टर सर्कुलर संख्या 17 के पारा 3 f / च अनुसार चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस और हॉस्टल सब्सिडी दोनों का दावा एक साथ किया जा सकता है।
नए नियम
नई शिक्षा नीति 2020 देश में लागू हो जाने के बाद से रेलवे ने Children Education Allowance to Rail Employees के नियमों में कुछ बदलाव किया है. इसे रेलवे बोर्ड ने RBE no. 35/2024 DT 15.04.2024 के द्वारा निर्देशित किया है-
- पूर्व में कक्षा 1 से पहले सिर्फ 2 क्लास के लिए ही शिक्षा भत्ता देय था जो नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद से तीन क्लास कर दिया गया है. अर्थात कक्षा एक से कक्षा 12 के पहले तीन क्लास तक का शिक्षा भत्ता मिलेगा. क्लास 10 के बाद अगर बच्चा कोई डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट कोर्स पोलिटेक्निक/ आई टी आई /इंजीनियरिंग कोलेज से करता है तो प्रथम 2 क्लास तक का शिक्षा भत्ता देय होगा.
- नई शिक्षा नीति लागू होने के कारण अगर बच्चे को किसी क्लास में दुबारा पढ़ना पड़ता है तो उसे उस साल का भी शिक्षा भत्ता मिलेगा. यह केवल एक बार ही मिलेगा.
- यह अकैडमिक सेशन 2023-24 से लागू होगा.
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