Railway pass rules

Railway pass rules रेलवे पास नियम

भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक संगठन है. रेलवे पूरे देश में यात्री यातायात और माल धुलाई का काम निरंतर सफलतापूर्वक करती आ रही है. किसी भी संगठन की सफलता में उसके कर्मचारियों का महत्वपूर्ण हाथ होता है. इसलिए हर अच्छी संस्था अपने कर्मचारियों को हर वह सुविधा उपलब्ध कराती है जिससे उनका निजी जीवन सुखमय रहे ताकि वे अपने काम को पूरे लगन और उत्साह के साथ संपन्न कर सके. इसी कड़ी में भारतीय रेलवे भी अपने कर्मचारियों को यथा संभव बहुत सी सुविधाएँ देती है जिसमें ट्रेन में मुफ्त यात्रा भी शामिल है. इसके लिए रेलवे की तरफ से Railway pass rules के अनुसार ट्रेन में फ्री यात्रा के लिए लिखित में प्राधिकार पत्र जारी किया जाता है जिसे पास, पीटीओ आदि के नाम से जाना जाता है. यात्रा की प्रकृति और कर्मचारी पद के अनुसार कई प्रकार के पास जारी किये जाते हैं.  

पास

यह प्रपत्र ट्रेन से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने आने के लिए नि:शुल्क यात्रा का प्राधिकार है. पास पर आवश्यकतानुसार ब्रेक जर्नी भी दी जाती है. ब्रेक जर्नी जितनी जरूरत हो ले सकते हैं. इसकी कोई सीमा तय नहीं है.

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पीटीओ

इसका पूरा नाम प्रिविलेज टिकट ऑर्डर है. यह प्रपत्र भी ट्रेन से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने आने के लिए यात्रा का प्राधिकार देता है. पास की तरह यह पूर्णतः निःशुल्क नहीं होता. इस पर एक तिहाई किराया देय होता है. पहले इस पर एक भी ब्रेक जर्नी नहीं दिया जाता था किन्तु HRMS के द्वारा पास पीटीओ जारी होने पर पीटीओ पर भी एक ब्रेक जर्नी दिया जाने लगा है.

पास मुख्यतः 3 प्रकार के जारी किये जाते हैं

चेक पास

ये सिंगल जर्नी (एक बार जाने आने ) के लिए जारी किये जाते हैं जैसे – सुविधा पास, स्कूल पास, मेडिकल पास, मानार्थ पास आदि.

कार्ड पास

ये कर्मचारी या आश्रित को बार बार या दिन प्रति दिन किसी स्टेशन या एरिया में जाने आने के लिए नियमानुसार जारी किये जाते हैं जैसे कि ड्यूटी कार्ड पास, स्कूल कार्ड पास आदि.

मेटल पास

ये राजपत्रित अधिकारीयों को ड्यूटी पर जाने आने के लिए दिए जाते है.

मेटल पास 3 प्रकार के होते हैं

गोल्ड पास

यह पास रेलवे बोर्ड चेयरमैन, मेम्बर्स, एफ सी, सी सी आर एस और जी एम या समकक्ष को जारी किये जाते हैं. यह पास आल इंडिया में कहीं भी ड्यूटी पर जाने आने के लिए वैध होता है. ड्यूटी टूर पर जाने पर अधिकारी अपने परिवार को भी साथ में ले जा सकते हैं. यह पास फर्स्ट एसी के लिए वैध होता है.

सिल्वर पास

यह विभाग प्रमुख या उसके समकक्ष अधिकारी को जारी किया जाता है. ड्यूटी टूर पर जाने पर ये अपने परिवार को भी ले जा सकते हैं. यह भी ऑल इंडिया के लिए वैध होता है.

ब्रोंज पास

उपरोक्त दोनों स्तर के अधिकारियों के अलावा शेष नीचे के अधिकारियों को ब्रांड पास जारी किया जाता है. ड्यूटी टूर पर जाने पर ये अपने परिवार को भी ले जा सकते हैं.

कर्मचारियों की श्रेणियां

रेलवे में कर्मचारियों की चार श्रेणियां है-

ग्रुप ए, ग्रुप बी, ग्रुप सी और ग्रुप डी. इसी के अनुसार पास देय होते हैं.

पास के प्रकार

मुख्य रूप से निम्न प्रकार के पास रेल कर्मचारियों को ट्रेन से यात्रा करने के लिए जारी किये जाते हैं-

1.सुविधा पास

यह पास निःशुल्क यात्रा के लिए सेवारत कर्मचारियों को निम्नलिखित लोगों के लिए देय होता है –

  • कर्मचारी के परिवार के सदस्य- पति /पत्नी, पुत्र (21 वर्ष तक), पूर्ण कालिक विद्यार्थी पुत्र (21 वर्ष से अधिक), अविवाहित पुत्री, दत्तक पुत्र/पुत्री
  • कर्मचारी पर आश्रित- अविवाहित पुत्री, विधवा पुत्री, लीगल तलाकशुदा पुत्री, विवाहित पुत्री जिसका पति 7 साल से गायब है,
  • कर्मचारी पर आश्रित- अविवाहित बहन , विधवा बहन, लीगल तलाकशुदा बहन 
  • कर्मचारी पर आश्रित- तलाकशुदा या विधवा माँ,  
  • कर्मचारी पर आश्रित- भाई/ सौतेल भाई (21 वर्ष तक),  विद्द्यार्थी भाई/सौतेला भाई (21 वर्ष से अधिक), विकलांग भाई/सौतेला भाई ,
  • कर्मचारी पर आश्रित- योग्य रिश्तेदार जिसके पिता 7 साल से गायब है
  • अटेंडेंट – यह प्रथम श्रेणी/ प्रथम श्रेणी ए पास धारक अपने साथ अपने पेड सर्वेंट को यात्रा पर ले जा सकते हैं. ये स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं.
  • कम्पैनियन यह सेवा निवृत्त 65 साल या अधिक आयु के लोगों को उनके देख भाल के लिए अपने साथ किसी को यात्रा पर ले जाने के लिए दिया जाता है.

2.मानार्थ पास

यह पास सेवा निवृत्त हो चुके रेल कर्मचारियों को दिया जाता है. सेवा निवृत्त कर्मचारी स्वयं एवं अपने आश्रितों के लिए पास नियमों के अंतर्गत मानार्थ पास ले सकते हैं. RBE 135/2018 के अनुसार मानार्थ पास निम्न प्रकार से देय होता है –

ग्रुप सी एवं डी – 20 वर्ष की रेल सेवा पूरी होने पर 2 सेट मानार्थ पास प्रतिवर्ष

ग्रुप ए एवं बी – 20 वर्ष की रेल सेवा पूरी होने पर 3 सेट मानार्थ पास प्रतिवर्ष

3.स्कूल चेक पास

सेवारत कर्मचारियों के विद्द्यार्थी बच्चों को छुट्टियों में या अन्य अवसरों पर स्कूल और घर के बीच आने जाने के लिए दिया जाता है. अधिकतम 6 हाफ सेट स्कूल पास देय होता है.

4.स्कूल कार्ड पास

सेवारत कर्मचारियों के उन विद्द्यार्थी बच्चों के लिए जारी किया जाता है जो प्रतिदिन घर से स्कूल आना-जाना करते हैं.

5.ड्यूटी पास

यह पास सेवारत कर्मचारियों को रेल सेवार्थ आने जाने के लिए दिया जाता है.

6.ड्यूटी कार्ड पास

जिन कर्मचारियों को कार्य की प्रकृति के अनुसार अपने मुख्यालय से या कार्य स्थल से प्रायः बार बार बाहर जाना पड़ता है उन्हें ड्यूटी कार्ड पास दिया जाता है. यह पास जनवरी से दिसंबर तक वैध रहता है. प्रत्येक वर्ष इसका नवीनीकरण कराना होता है.

7.मेडिकल पास

यह पास चिकित्सा के लिए किसी दूसरे स्टेशन / स्थान / अस्पताल को जाने के लिए रेलवे अस्पताल द्वारा जारी किया जाता है.

8.सेटलमेंट पास

रेलकर्मी का रेलवे से फाइनल सेटलमेंट हो जाने पर जारी किया जाता है. रिटायर होने पर कार्यस्थल के स्टेशन से उसके घर के स्टेशन तक के लिए जारी किया जाता है.

9.ट्रान्सफर पास

रेलकर्मी का अन्यत्र ट्रान्सफर होने पर पुराने स्टेशन से नए स्टेशन के लिए या जहाँ कर्मचारी अपने परिवार को सेटल करना चाहता है वहां के लिए दिया जाता है.

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पास की श्रेणी के अनुसार पास के प्रकार

रेलवे में 4 रंग के पास जारी किये जाते हैं-

पास का रंग पास का क्लास ट्रेन कोच प्रकार
लाल पाससेकंड क्लासस्लीपर कोच
पीला पाससेकंड क्लास ए एसी-3
हरा पासफर्स्ट क्लासएसी-2/3
सफ़ेद पासफर्स्ट क्लास ए  राजपत्रित अधिकारी       ( ग्रुप ए, बी)एसी 2/1

देय पास पी टी ओ के लिए योग्यताएं

ग्रेड पेसुविधा पास/ पीटीओड्यूटी पास
1800साल में 1 पीला पास द्वितीय श्रेणी ए, एसी-3 में यात्रा के लिए (राजधानी,शताब्दी, दुरंतो जैसे ट्रेनों  को छोड़ कर), शेष पास/पी टी ओ द्वितीय श्रेणी  द्वितीय श्रेणी  
1900 से 2800 के नीचेसाल में 1 पीला पास द्वितीय श्रेणी ए, एसी-3 में यात्रा के लिए (राजधानी,शताब्दी जैसे ट्रेनों को छोड़ कर), शेष पास/पी टी ओ द्वितीय श्रेणी  द्वितीय श्रेणी ए
2800द्वितीय श्रेणी एद्वितीय श्रेणी ए
4200 से ऊपर अराजपत्रित  प्रथम श्रेणी (हरा पास )प्रथम श्रेणी (हरा पास )
ग्रुप ए और  बी राजपत्रित  प्रथम श्रेणी एप्रथम श्रेणी ए

नोट – ग्रुप डी और सी कर्मचारियों को 5 वर्ष के सेवा तक प्रति वर्ष 1 सेट पास और 5 वर्ष पूरा हो जाने पर प्रति वर्ष 3 सेट सुविधा पास देय होता है.

पास पीटीओ की वैधता अवधि (हाफ या फुल सेट)–

यह अवधि जारी करने की तिथि से 5 माह तक होती है. इयर इंडिंग पास पीटीओ जनवरी से मई के बीच कभी भी लेने पर उसकी अवधि 30 मई तक ही रहती है. आगामी वर्ष के पास पीटीओ एक माह पहले अर्थात दिसम्बर में लिए जा सकते है लेकिन उस पर यात्रा जनवरी माह से ही किया जा सकता है.

पास पीटीओ का रूट

नियमानुसार पास पीटीओ सबसे छोटे मार्ग से जारी किये जाते हैं लेकिंग आवश्यकतानुसार 15% ज्यादा लम्बा मार्ग चुन सकते हैं. अर्थात प्रस्थान और गंतव्य स्टेशनों के बीच सबसे छोटा रूट अगर 100 किमी है का है तो 115 किमी तक का दूसरा रूट ले सकते हैं. इससे ज्यादा लम्बा रूट (15% ) नहीं लिया जा सकता.

रेलवे बोर्ड के सर्कुलर स.RBE 40/2018 दि. 26.03.2018 के अनुसार ‘यदि कोई लम्बा रूट (दूरी कुछ भी हो ) सीधे/छोटे रूट की तुलना में कम समय लेता है तो उस लम्बे रूट का पास लिया जा सकता है. ऐसा रूट लेने पर जर्नी ब्रेक करने की दशा में एक ट्रेन से उतर कर दूसरी ट्रेन पकड़ने के बीच का समय भी काउंट होगा.

HRMS पोर्टल से पास पी टी ओ

वर्तमान में रेल सेवा में कार्यरत कर्मचारी अपना सुविधा पास पी टी ओ HRMS पोर्टल के द्वारा स्वयं ले रहे हैं. अब इसके लिए कहीं अप्लाई करने की जरुरत नहीं. जब चाहें जहाँ से चाहें अपना डिजिटल पास पीटीओ मोबाइल ,लैपटॉप, टेबलेट, कंप्यूटर द्वारा ले सकते हैं. मेटल पास, कार्ड पास, मानार्थ पास, ट्रान्सफर पास आदि पूर्व की भांति ही कार्यालय द्वारा जारी किये जा रहे हैं.

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