मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश और बाल देखभाल अवकाश: एक विस्तृत अवलोकन

भारतीय रेलवे, जो देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, अपने कर्मचारियों के लिए कार्य और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के महत्व को समझता है, खासकर परिवार और पालन-पोषण की जिम्मेदारियों के मामले में। अपने कर्मचारियों का सपोर्ट करने के लिए, भारतीय रेलवे विभिन्न प्रकार के अवकाश प्रदान करता है, जिसमें मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश और बाल देखभाल अवकाश शामिल हैं। इस लेख में Maternity Paternity Child Care Leave Rules in Railway के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, जिसमें उनकी पात्रता, अवधि और लाभ शामिल हैं, साथ ही संबंधित रेलवे पत्र और कोड मैनुअल का संदर्भ भी दिया गया है।

मातृत्व अवकाश (Maternity Leave)

पात्रता: मातृत्व अवकाश गर्भवती महिला रेलवे कर्मचारियों को दिया जाता है। इस अवकाश का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म के पहले और बाद में आराम करने और स्वस्थ होने का समय देना है.

अवधि: रेलवे बोर्ड के RBE no. 158/ 2008 के अनुसार, महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि 180 दिनों (लगभग 6 महीने) तक होती है, जो पहले दो बच्चों के लिए उपलब्ध है। यह अवकाश डिलीवरी के पहले और बाद में लिया जा सकता है। गर्भपात या चिकित्सकीय गर्भपात के मामले में, महिलाओं को 45 दिनों के मातृत्व अवकाश का अधिकार है। ( IREM Vol -I, Chapter 5, para 551)

लाभ:

  • पूरा वेतन: मातृत्व अवकाश के दौरान, कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलता है, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
  • नौकरी की सुरक्षा: इस अवधि के दौरान कर्मचारी की नौकरी सुरक्षित रहती है, यानी वे अवकाश के बाद अपनी उसी स्थिति में वापस आ सकती हैं।
  • विस्तारित अवकाश: भारतीय रेलवे स्थापना मैनुअल (IREM) के अनुसार, मातृत्व अवकाश के साथ-साथ, बाल देखभाल के लिए अधिकतम दो साल का अतिरिक्त अवकाश बिना वेतन के लिया जा सकता है।

(10 Days Leave Encashment Rule in Railway के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें)

पितृत्व अवकाश (Paternity Leave)

पात्रता: पितृत्व अवकाश पुरुष रेलवे कर्मचारियों को दिया जाता है जो अपने पत्नी की बच्चे के जन्म के समय और बाद में सहायता करना चाहते हैं। यह अवकाश पिता की शुरुआती बच्चे की परवरिश में भूमिका को मान्यता देता है और उन्हें अपने परिवार को सपोर्ट करने का अवसर प्रदान करता है। यह अवकाश एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को विधि पूर्वक गोद लेने की दशा में भी देय होता है. गोद लेने कि तिथि से 6 माह के भीतर 15 दिनों के लिए यह अवकाश देय है.

अवधि: रेलवे बोर्ड के पत्र सं. E(P&A)I-2008/CPC/LE-2, दिनांक 23.10.2008 (RBE no. 57/2011 ) के अनुसार, पितृत्व अवकाश की अवधि 15 दिनों की होती है, जिसे बच्चे के जन्म के 15 दिन पहले या 6 महीने बाद तक लिया जा सकता है। यह अवकाश पहले दो जीवित बच्चों के लिए उपलब्ध है।

लाभ:

  • पूरा वेतन: पुरुष कर्मचारियों को पितृत्व अवकाश के दौरान पूरा वेतन मिलता है।
  • समर्थन और बंधन: यह अवकाश पिताओं को अपने पत्नी के बच्चे के जन्म के समय सपोर्ट करने और नवजात शिशु के साथ देख रेख के लिए रहने का अवसर देता है।

बाल देखभाल अवकाश (Child Care Leave – CCL)

पात्रता: बाल देखभाल अवकाश महिला रेलवे कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है जिनके पास नाबालिग बच्चे हैं। यह अवकाश बच्चे की शिक्षा, बीमारी या अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकताओं के लिए लिया जा सकता है। पुरे सेवा काल के दौरान यह अधिकतम 730 दिनों के लिए प्रथम दो बच्चों के लिए देय होता है. यह एक से अधिक बार में ले सकते है. यह कर्मचारी के छुट्टी खाते से डेबिट नहीं होता. CCL किसी भी दूसरे देय छुट्टी के साथ जोड़ कर लिया जा सकता है. CCL का रिकॉर्ड निर्धारित प्रोफोर्मा में हर महिला कर्मचारी का अलग अलग मेंटेन करना चाहिए और उसके सर्विस रिकॉर्ड के साथ अटैच कर देना चाहिए.

PROFORMA FOR MAINTAINING CHILD CARE LEAVE ACCOUNT
Period of Child Care Leave TakenBalance of Child Care LeaveSignature and designation of certifying officer
FromToBalancedate 
1234 
     
     

अवधि: रेलवे बोर्ड के पत्र सं. E(P&A)I-2008/CPC/LE-4, दिनांक 23.10.2008 के अनुसार, बाल देखभाल अवकाश की अधिकतम अवधि पूरे सेवा काल के दौरान 730 दिनों (लगभग 2 साल) की होती है। यह अवकाश न्यूनतम 15 दिनों के अंतराल में लिया जा सकता है।

लाभ:

  • प्रथम एक वर्ष के लिए पूरा वेतन: बाल देखभाल अवकाश के पहले 365 दिनों के लिए कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलता है।
  • दूसरे वर्ष के लिए 80% वेतन: शेष 365 दिनों के लिए, कर्मचारियों को उनके वेतन का 80% मिलता है।
  • तीसरे वर्ष के लिए बिना वेतन – तीसरे वर्ष में बिना चिकित्सा प्रमाणपत्र के इसे Leave Not Due के रूप CCL को एक और वर्ष के लिए बढाया जा सकता है.
  • लचीलापन: बाल देखभाल अवकाश कई अंतरालों में लिया जा सकता है, जिससे माता-पिता अपने बच्चे की आवश्यकताओं के अनुसार समय निकाल सकते हैं। इसे अन्य किसी छुट्टी के साथ लिया जा सकता है.

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे के मातृत्व, पितृत्व और बाल देखभाल अवकाश नीतियाँ उनके कर्मचारियों की परिवार और पालन-पोषण की जिम्मेदारियों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये प्रावधान महत्वपूर्ण समय में कर्मचारियों के लिए आर्थिक स्थिरता और नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और एक स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देते हैं। मातृत्व और पितृत्व भूमिकाओं की महत्ता को मान्यता देकर, भारतीय रेलवे एक समावेशी और सहायक कार्य वातावरण बनाता है।

ये अवकाश लाभ एक ऐसा कार्यस्थल बनाने में महत्वपूर्ण हैं जहाँ कर्मचारियों को मूल्यवान और समर्थित महसूस होता है, जिससे अंततः नौकरी की संतुष्टि और उत्पादकता में वृद्धि होती है। विस्तृत और अद्यतन जानकारी के लिए, कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे रेलवे के आधिकारिक दिशानिर्देशों को देखें या अपने सम्बंधित विभाग से संपर्क करें। RBE no. 57/2011 में ACS no. 116 के द्वारा मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश और बाल देखभाल अवकाश को संशोधित किया गया है. इस पत्र को देखने के लिए इसे क्लिक करें.

आप अपने नियर डिअर को भी इस जानकारी से अवगत कराएँ. शेयर बटन नीचे दिए गए हैं . इस पोस्ट को शेयर कीजिये और कमेंट में अपने विचार भी लिखिए.

Scroll to Top