भारतीय रेल वित्त निगम (IRFC) का परिचय
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बड़े नेटवर्क है. यह भारत में परिवहन क्षेत्र की रीढ़ रही है. यह देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में लाखों यात्रियों और माल को ले जाती है। भारतीय रेलवे एक अधिक कुशल प्रणाली बनने की दृष्टि से आगे बढ़ रही है, ताकि विकास के साथ तालमेल बनाए रखा जा सके. देश के आर्थिक विकास में रेलवे का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. Indian Railway Finance Corporation IRFC शीर्षक के इस लेख में इस महत्वपूर्ण संस्था के बारे में विस्तार से बताया गया है.
IRFC भारतीय रेलवे के वित्तीय संरचना का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह निगम भारतीय रेल की आर्थिक धारा को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आईये जानते हैं कि IRFC वास्तव में है क्या और यह कैसे काम करता है।
IRFC का संक्षिप्त इतिहास
भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) की स्थापना 12 दिसंबर, 1986 को भारतीय रेलवे की समर्पित वित्तपोषण शाखा के रूप में की गई थी. इसका उद्देश्य घरेलू और विदेशी पूंजी बाजारों से रेलवे के विकास के लिए प्रतियोगी दर पर धन जुटाना है। आईआरएफसी भारत सरकार के रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक अनुसूची ‘ए’ सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। भारत सरकार की यह एक मिनी रत्न कंपनी है. इसमें भारत सरकार की बहुमत हिस्सेदारी है, जबकि रेल मंत्रालय के पास इसका प्रशासनिक नियंत्रण है।
IRFC ने भारतीय रेलवे के लिए 1987-88 में बाजार से उधार लेना शुरू किया। इसने अपना पहला आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) 18 जनवरी 2021 को लॉन्च किया और 29 जनवरी 2021 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई।
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मुख्यालय
IRFC का पंजीकृत मुख्यालय का पता है –
UG फ्लोर, ईस्ट टॉवर, एनबीसीसी प्लेस, भीष्म पितामह मार्ग, प्रगति विहार, लोधी रोड, नई दिल्ली – 110003
वर्तमान चेयरमैन और प्रबंध निदेशक – शेली वर्मा
विज़न
रेल मंत्रालय के साथ अपने सहजीवी संबंध को बनाए रखते हुए रेल परिवहन क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण और प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी बनना।
मिशन
- आईआरएफसी को देश की अग्रणी वित्तीय सेवा कंपनियों में से एक बनाना
- रेलवे योजना वित्त को बढ़ाने के लिए पूंजी बाजार से प्रतिस्पर्धी लागत पर धन जुटाना,
- यह सुनिश्चित करना कि निगम अपने परिचालन से अधिकतम लाभ कमाए।
IRFC की वित्तीय भूमिका
IRFC भारतीय रेलवे को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह रेलवे के विभिन्न परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में मदद करता है। इसके द्वारा जुटाई गई राशि का उपयोग रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने, नए लोकोमोटिव्स खरीदने और अन्य आवश्यक संसाधनों में किया जाता है।
यह संस्था अपने वित्तीय साधनों के रूप में बॉन्ड्स और ऋण का उपयोग करता है। ये बॉन्ड्स और ऋण विभिन्न निवेशकों से जुटाए जाते हैं। इसके अलावा, IRFC अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से भी वित्तीय सहायता प्राप्त करता है।
हाल ही में पूर्ण हुई और भविष्य की प्रमुख परियोजनाएँ
भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ पूरी की हैं और कई भविष्य की योजनाएँ भी बनाई हैं। आइए, इन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानें।
रिसेन्टली पूरी की गई परियोजनाएँ
- वंदे भारत एक्सप्रेस – वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे पहले Train 18 के नाम से भी जाना जाता था. यह भारतीय रेलवे की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और वर्तमान में पुरे देश में महत्वपूर्ण मार्गों पर वाराणसी के बीच चलती है।
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC)– यह परियोजना मालगाड़ियों के लिए एक विशेष गलियारा प्रदान करती है। इससे माल परिवहन की गति और क्षमता में वृद्धि हुई है। पश्चिमी और पूर्वी DFC की कई खंड पूर्ण हो चुके हैं।
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण– नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण परियोजना के तहत स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. इसमें नए प्लेटफार्म, एस्केलेटर, लिफ्ट और बेहतर वेटिंग एरिया शामिल हैं।
- ई-टिकटिंग सिस्टम का उन्नयन– IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप को उन्नत किया गया है जिससे यात्रियों को टिकट बुकिंग में और अधिक सुविधा हो। नई तकनीक के इस्तेमाल से टिकट बुकिंग प्रक्रिया तेज और सुरक्षित हो गई है।
- एलएचबी कोचों की खरीद– IRFC ने भारतीय रेलवे के लिए बड़ी संख्या में LHB(Linke-Hofmann-Busch) कोचों की खरीद की है, जो अधिक सुरक्षित और आरामदायक हैं। ये कोच दुर्घटना की स्थिति में कम नुकसान पहुँचाते हैं।
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भविष्य की प्रमुख परियोजनाएँ
- हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (बुलेट ट्रेन)– मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है। यह भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है, जो जापान की सहायता से बनाई जा रही है।
- स्टेशन री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट– देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों का री-डेवलपमेंट किया जाएगा। इसमें नए प्लेटफार्म, वाणिज्यिक स्थान, होटल और बेहतर यात्री सुविधाएँ शामिल होंगी। नई दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े स्टेशनों के पुनर्विकास की योजना है।
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का विस्तार– DFC परियोजना के विस्तार की योजना बनाई जा रही है। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में मालगाड़ियों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और माल परिवहन की लागत कम होगी।
- सेमी-हाई स्पीड कॉरिडोर– देश के विभिन्न हिस्सों में सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाने की योजना है। इससे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।
- हरित पहल (ग्रीन इनिशिएटिव्स)– भारतीय रेलवे अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को हरित बनाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। सोलर पावर प्लांट, बायो-टॉयलेट्स, और ऊर्जा बचत उपकरणों का उपयोग प्रमुख हरित पहल हैं।
- इलेक्ट्रिफिकेशन परियोजना– पूरे रेलवे नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन करना एक प्रमुख लक्ष्य है। इससे ईंधन की खपत कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी।
- मेट्रो रेल परियोजनाएँ– कई शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाएँ चल रही हैं, जिसमें दिल्ली मेट्रो का विस्तार, मुंबई मेट्रो, बैंगलोर मेट्रो और अहमदाबाद मेट्रो प्रमुख हैं।
- आरओबी (Rail Over Bridges) और आरयूबी (Rail Under Bridges)– रेलवे क्रॉसिंग पर यातायात जाम और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आरओबी और आरयूबी का निर्माण किया जा रहा है।
- डेडिकेटेड पैसेंजर कॉरिडोर– भविष्य में यात्रियों के लिए विशेष कॉरिडोर बनाने की योजना है। इससे यात्री ट्रेनों की गति और समयपालन में सुधार होगा।
- अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम– रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम को अत्याधुनिक बनाने की परियोजना चल रही है. इससे ट्रेन संचालन में अधिक सुरक्षा और दक्षता प्राप्त होगी।
IRFC की वित्तीय उपलब्धियाँ और आंकड़े
IRFC ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण वित्तीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इसके कुछ प्रमुख वित्तीय आंकड़े नीचे दिए गए हैं.
वित्तीय वर्ष 2022-23 की उपलब्धियाँ
- कुल राजस्व : IRFC ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 23,933 करोड़ रुपये से अधिक का कुल राजस्व अर्जित किया।
- शुद्ध लाभ : इसी अवधि में कंपनी ने लगभग 6,337 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
- कुल परिसंपत्तियाँ : IRFC की कुल परिसंपत्तियाँ (वर्ष 2022-23) 4,91,147 करोड़ रु करोड़ रुपये से अधिक हो गईं।
- बॉन्ड जारी करना : IRFC ने 2022-23 में विभिन्न प्रकार के बॉन्ड्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी जुटाई।
- टोटल लायबिलिटी : 4,45,676 करोड़ रु
निष्कर्ष
Indian Railway Finance Corporation IRFC नामक लेख में IRFC के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। IRFC द्वारा जुटाई गई पूंजी और लाभ ने भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उपरोक्त वित्तीय आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि IRFC भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय आधार प्रदान करता है। IRFC और भारतीय रेलवे ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ पूरी की हैं और भविष्य के लिए कई बड़ी योजनाएँ बनाई हैं। ये परियोजनाएँ रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने, यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने और माल परिवहन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आशा है कि ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो नीचे दिए गए FAQs में आपको उत्तर मिल सकता है।
FAQs
- IRFC क्या है?
- IRFC भारतीय रेलवे के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने वाली एक संस्था है।
- IRFC की स्थापना कब हुई?
- IRFC की स्थापना 12 दिसंबर 1986 को हुई थी।
- IRFC का मुख्य कार्य क्या है?
- IRFC का मुख्य कार्य रेलवे परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाना है।
- IRFC की प्रमुख हालिया परियोजनाएँ कौन सी हैं?
- वंदे भारत एक्सप्रेस, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, नई दिल्ली स्टेशन का आधुनिकीकरण आदि प्रमुख हालिया परियोजनाएँ हैं।
- भविष्य में IRFC की प्रमुख योजनाएँ क्या हैं?
- हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, स्टेशन री-डेवलपमेंट, इलेक्ट्रिफिकेशन परियोजना आदि प्रमुख भविष्य की योजनाएँ हैं।
- IRFC का कुल राजस्व वित्तीय वर्ष 2022-23 में कितना था?
- IRFC का कुल राजस्व वित्तीय वर्ष 2022-23 में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक था।
- IRFC ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कितना शुद्ध लाभ कमाया?
- IRFC ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 6,337 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
- IRFC की कुल परिसंपत्तियाँ कितनी हैं?
- IRFC की कुल परिसंपत्तियाँ 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं।
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