वेटिंग टिकट नया नियम 2024: वेटिंग टिकट को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा हुआ बड़ा बदलाव, आइये जानते है कि इस नियम से यात्रियों को कैसे मिलेगा फायदा|
भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक माना जाता है, इसके द्वारा यात्रा के लिए विभिन्न प्रकार के टिकट उपलब्ध कराये जाते हैं। जिसमें वेटिंग टिकट भी शामिल किया गया है| वेटिंग टिकट तब जारी कराये जाते हैं जब सभी सीटें पहले से ही बुक हो चुकी होती हैं| इस टिकट के नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं, और 2024 में भी ये नियम कुछ बदले गए हैं| आज इस लेख में, हम वेटिंग टिकट के नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से वर्णन करेंगे।
वेटिंग टिकट
वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करना तभी संभव हो सकता है, जब टिकट कंफर्म हो जाए| वेटिंग टिकट तभी कन्फर्म होता है जब किसी अन्य यात्री ने अपनी यात्रा की योजना बदल दी हो और अपनी टिकेट को कैंसिल कर दी हो| टिकट कैंसिल होने के बाद खली सीट को क्रमानुसार वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को आवंटित कर दिया जाता है|
भारतीय रेलवे द्वारा अन्य व्यवस्थाओं को भी लेकर बदलाव किए गए हैं| आइये जानते हैं रेलवे द्वारा किए गए बदलाव के बारे में पूरी जानकारी डिटेल में:
लाखों लोग प्रतिदिन भारतीय रेलवे की सुविधा का लाभ उठाते हैं| भारतीय रेलवे भारत के लोगों की लाईफ लाइन भी कही जाती है| लेकिन ट्रेन की रिजर्व टिकट पाना बहुत ही मुश्किल काम होता है| रेलवे की कन्फर्म टिकट पाने के लिए लोगों को महिनों पहले टिकट बुक कराना पड़ता है| तभी कन्फर्म ट्रेन टिकट मिल पाता है|
वेटिंग टिकट पर यात्रा करने पर पहले कोई प्रतिबन्ध नहीं था| टिकट कन्फर्म न होने की दशा में यात्री किसी तरह उस श्रेणी के कोच में एडजस्ट होकर अपनी यात्रा पूरी कर लेते थे| लेकिन नए नियम के तहत अब यह पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है| अब कोई भी यात्री वेटिंग टिकट पर अरक्षित कोच में यात्रा नहीं कर सकता| यदि यात्रा करते पकड़ा जाता है तो, उसे जुर्माना देना पड़ सकता है, या कोच से उतारा जा सकता है|
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क्यों हुआ बदलाव:
रेलवे के इस नए नियम को लागू होने के पीछे झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार खंडेलवाल का बहुत बड़ा समर्थन है| झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार खंडेलवाल ने कुछ दिनों पहले ही वेटिंग टिकट को कैंसिल करवाने पर रेलवे की ओर से सुविधा शुल्क के नाम पे कटनें वाली मोटी रकम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी| उन्होंने एक उदाहरण भी दिया था, कि एक यात्री ने 190 रुपए का टिकट खरीदा था| वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं हुआ तो रेलवे की तरफ से ही टिकेट कैंसिल हो गया| टिकेट कैंसिल होने के बाद उन्हें सिर्फ 95 रुपए वापिस मिले बाकी का रूपया सुविधा शुल्क के रूप में काट लिया गया| यही कारण है की रेलवे ने अब सुविधा शुल्क के लिए नया नियम जारी कर दिया है|
वेटिंग टिकट रद्दीकरण :
कई बार जब यात्रियों का वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं हो पाता था, या उनका टिकट आरएसी तक आकर रुक जाता था तो, ऐसे में रेलवे खुद ही टिकट कैंसल कर देता है| जिसके लिए यात्रियों से मोटी रकम वसूली जाती थी, जिसे सुविधा शुल्क का नाम दिया गया है| लेकिन अब रेलवे ने इस शुल्क राशि में बदलाव कर दिया है| अब यात्रियों से रेलवे टिकट कैंसिल कराने पर या खुद ही होने पर मात्र 60 रुपए ही सुविधा शुल्क लिया जायेगा|
अन्य टिकट रद्दीकरण:
24 घंटे से अधिक समय पहले रद्दीकरण
रेलवे के नए नियम के अनुसार यदि आप का टिकट AC चेयर कार /AC स्लीपर (1st/2nd/3rd AC) है और आप अपने टिकट को 24 घंटे से अधिक समय पहले कैंसिल करते है तो रेलवे ₹120 प्रति व्यक्ति + ₹30 सुविधा शुल्क के रूप में कटेगा|
यदि आप की टिकट स्लीपर क्लास की है और आप टिकट कैंसिल करते हैं तो ₹60 प्रति व्यक्ति + ₹30 सुविधा शुल्क के रूप में काटेगा।
24 घंटे से कम समय पहले रद्दीकरण
रेलवे के नए नियम के अनुसार यदि आप का टिकट AC चेयर कार /AC स्लीपर (1st/2nd/3rd AC) है और आप अपने टिकट को 24 घंटे से अधिक समय पहले कैंसिल करते है तो रेलवे ₹240 प्रति व्यक्ति + ₹30 सुविधा शुल्क के रूप में कटेगा|
यदि आप की टिकट स्लीपर क्लास की है और आप टिकट कैंसिल करते हैं तो ₹120 प्रति व्यक्ति + ₹30 सुविधा शुल्क के रूप में काटेगा।
इस पोस्ट की लेखिका हैं – श्रीमती पारुल श्रीवास्तव
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